- बस्ती मंडल के सभी सरकारी अस्पतालों और छाया वीएचएसएनडी सत्रों पर उपलब्ध कराई जा रही है सुविधा
- उदासीन परिवारों को यूनिसेफ संस्था और स्थानीय प्रभाव रखने वाले लोग टीकाकरण के लिए कर रहे तैयार
बस्ती, जीपीएन न्यूज। बस्ती जनपद के टेमा के रहने वाले मोहम्मद खालिद बुखार आने के भय से अपने बच्चे को टीका नहीं लगवा रहे थे। उनके बेटे का जन्म 10 अप्रैल 2023 को हुआ, लेकिन उन्होंने बच्चे का टीकाकरण नहीं करवाया । यूनिसेफ संस्था के प्रतिनिधियों और ब्लॉक रिस्पांस टीम ने उन्हें समझाया कि टीका न केवल सुरक्षित और असरदार है, बल्कि यह बारह प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाता है । टीम ने उन्हें भरोसा दिया कि बच्चे को कोई दिक्कत नहीं होगी । इसके बाद 16 नवम्बर 2023 को उन्होंने पहली बार अपने बच्चे का टीकाकरण करवाया । उनका कहना है कि अब वह खुद अस्पताल जाकर समय समय पर बच्चे का टीकाकरण करवाएंगे।
नियमित टीकाकरण की सुविधा बस्ती मंडल के सभी सरकारी अस्पतालों और छाया वीएचएसएनडी (विलेज हेल्थसेनिटेशन एंड न्यूट्रिशन डे) पर उपलब्ध कराई जा रही है, लेकिन ढेर सारे परिवार ऐसे भी हैं जो भय या भ्रांति के कारण बच्चों की टीकाकरण नहीं करवा रहे हैं । एडी हेल्थ डॉ नीरज कुमार पांडेय ने बताया कि ऐसे उदासीन परिवारों को यूनिसेफ संस्था और स्थानीय प्रभाव रखने वाले लोगों की मदद से टीकाकरण के लिए तैयार किया जा रहा है । लोगों को बताया जाता है कि जहां बाजार में इन टीकों के लिए काफी पैसे खर्च करने पड़ते हैं, वहीं अस्पतालों पर ये टीके सरकारी प्रावधानों के तहत उपलब्ध हैं । बच्चों के लिए पांच साल की उम्र तक सात बार नियमित टीकाकरण जरूरी है । सरकारी अस्पताल के टीके कोल्ड चेन में रखे जाते हैं जिनके कारण इनकी गुणवत्ता बनी रहती है।
एडी हेल्थ ने बताया कि अप्रैल 2023 से दिसम्बर 2023 तक बस्ती जिले में 95.58 फीसदी बच्चों को सम्पूर्ण टीकाकरण की सुविधा प्रदान की गयी है । संतकबीरनगर जिले में 84.89 बच्चों को पूर्ण प्रतिरक्षण, जबकि सिद्धार्थनगर जिले में 76.55 फीसदी बच्चों को सम्पूर्ण टीकाकरण की सुविधा मिली है । ये बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हैं और टीके के कारण कभी किसी प्रकार की जटिलता पैदा नहीं हुई है । निजी अस्पतालों में जन्म लेने वाले बच्चे भी टीकाकरण की सुविधा सरकारी अस्पताल से प्राप्त कर सकते हैं । टीकाकरण से पोलियो, हेपेटाइटिस, इंसेफेलाइटिस, डिप्थीरिया, खसरा और टिटनेस जैसी बारह गंभीर बीमारियों से बचाव होता है।
कुछ टीकों से होता है बुखार
बस्ती जनपद के बहादुरपुर ब्लॉक के मदारपुर खझौवा गांव के रहने वाले कमालुद्दीन के बच्चे को टीका लगने के बाद बुखार आया और पैर में सूजन हो गया, हांलाकि उपचार के बाद वह ठीक हो गया । कमालुद्दीन ने तय किया कि अब बच्चे का टीकाकरण नहीं कराएंगे। यूनिसेफ संस्था के प्रतिनिधि अतुल और आशा कार्यकर्ता मंजूलता ने उन्हें समझाया कि कुछ टीकों के लगने के बाद ऐसे लक्षण सामने आते हैं, जो स्वतः ठीक हो जाते हैं। इसके लिए दवा भी दी जाती है । पहले तो वह तैयार नहीं हुए लेकिन जब सुपरवाइजर शशांक सिंह, आशा और बीएमसी ने यह आश्वासन दिया कि टीके के बाद कोई दिक्कत हुई तो वह सहयोग करेंगे, तब कमालुद्दीन बच्चे को टीका लगवाने के लिए तैयार हुए। वह कहते हैं कि टीकाकरण से बच्चे को काई दिक्कत नहीं है और अब वह नियमित टीकाकरण करवाएंगे।
बर्थ डोज 24 घंटे के भीतर जरूरी
एडी हेल्थ ने बताया कि बच्चे का जन्म चाहे सरकारी अस्पताल में हो या फिर निजी अस्पताल में, बर्थ डोज का टीका जन्म के 24 घंटे के भीतर लग जाना चाहिए । इसके तहत ओपीवी, हेपेटाइटिस बी जीरो और बीसीजी का टीका लगाया जाता है । यह विभिन्न प्रकार के वायरल और बैक्टेरियल संक्रमण से बचाव करता है । पेंटा, एफआईपीवी, मिजल्स रूबैला और आईपीवी जैसे कुछ टीकों के लगने के बाद बुखार आता है जिसके लिए टीकाकरण स्थल से ही दवा मिल जाती है।
मंडल में सम्पूर्ण टीकाकरण की स्थिति
जनपद बच्चे हुए सम्पूर्ण प्रतिरक्षित
बस्ती 54056
संतकबीरनगर 38359
सिद्धार्थनगर 62037