Gorakhpur News : स्वच्छ वायु से होता है संचारी और गैर संचारी रोगों से बचाव

- पांचवें इंटरनेशनल डे ऑफ
- क्लिन एयर फॉर ब्लू स्काई के प्रति जागरूक किये गये शिक्षण संस्थान
- जिला सर्विलांस अधिकारी और जिला मलेरिया विभाग की टीम ने संस्थानों में कराए आयोजन
गोरखपुर, जीपीएन न्यूज। पर्यावरणीय स्वच्छता बीमारियों से बचाव में अहम भूमिका निभाती है। खासतौर से संचारी और गैर संचारी रोगों से बचाव में स्वच्छ वायु का अहम योगदान है। वातावरण में धुंए और प्रदूषण से जहां फेफड़े और ह्रदय संबंधी बीमारियों का खतरा होता है, वहीं पैसिव स्मोकिंग से टीबी जैसे संचारी बीमारियों के मरीजों की जटिलताएं बढ़ सकती हैं। इन सभी संदेशों के साथ जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ राजेश कुमार और जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह व उनकी टीम ने सप्ताह भर में शिक्षण संस्थानों के सैकड़ों विद्यार्थियों व शिक्षकों को जागरूक किया है। पांचवें इंटरनेशनल डे ऑफ क्लिन एयर फॉर ब्लू स्काई अभियान के तहत यह जागरूकता कार्यक्रम इस सप्ताह चलाए गए।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे के निर्देश पर शहरी क्षेत्र के दो इंटर और दो डिग्री कॉलेज में चले जनजागरूकता अभियान के साथ साथ ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों में भी जागरूकता संबंधी आयोजन हुए। जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों को भी संदेश दिया गया कि पर्यावरणीय स्वच्छता के लिए सभी को मिलजुल कर प्रयास करना होगा। वातावरण में कम से कम हानीकारक गैस का उत्सर्जन होगा तो प्रदूषण कम होगा और बीमारियों से भी लोगों का बचाव होगा। शहर के सेंट एंड्रयूज पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज, एमजी इंटर कॉलेज, एमजी पीजी कॉलेज और एडी कन्या इंटरमीडिएट कॉलेज में जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित किये गये।
इसी कड़ी में शुक्रवार को सेंट एंड्रयूज पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में जलवायु परिवर्तन के कारण मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव विषय पर निबंध लेखन, पोस्टर एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सहायक मलेरिया अधिकारी राजेश कुमार चौबे और वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक प्रभात रंजन सिंह ने विजेताओं को पुरस्कृत किया । इस कार्यक्रम में प्राचार्य, शिक्षक,सहयोगी संस्था पाथ, पीसीआई और यूनिसेफ के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
फाइलेरिया से बचाव की दवा भी खिलाई
इस मौके पर कॉलेज में उपस्थित शिक्षकों और विद्यार्थियों को लाइलाज बीमारी फाइलेरिया के बारे में भी जानकारी दी गई। साथ सैकड़ों विद्यार्थियों और शिक्षकों को फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन भी कराया गया।